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Showing posts from March, 2024

चुनावी मुद्दे

 हमारे खाते सीज किए जा रहे हैं, हमारे नेताओं पर ईडी कार्रवाई कर रही है, ये संविधान बदल देंगे, धमका कर इलेक्ट्रोल बोंड के माध्यम से चंदा ले रहे है!! विपक्ष के ये मुद्दे हैं।  कानून का हम सम्मान करेंगे नहीं, समय पर टेक्स रिटर्न दाखिल करेंगे नहीं और विभाग कार्रवाई करेगा तो हम चिल्लाएंगे कि देखो हमारे पर कार्रवाई हो रही है। देश में कानून का राज है, तुम कानून से ऊपर थोङे ही हो। यदि गलत है तो कोर्ट है ना! तुम सत्ता में थे तो करोङों की सम्पत्ति बनाई। लेकिन कहीं छेद रख दिए तो ईडी को मौका मिल जाता है। सब एक नंबर में रहे तो ईडी क्या करेगी, लेकिन गलतियां तुम्हारी और रोओ भी तुम ही। भुगतते रहो। संविधान बदल देंगे। सत्ता में थे तो तुमने भी नब्बे से ऊपर संशोधन किए थे। जहां संशोधन की जरूरत है, दो तिहाई बहुमत से संशोधन करना ही चाहिए। संसद का काम ही कानून बनाना है। जो दल सत्ता में है, उसे चंदा मिलेगा ही। राजनैतिक पार्टियों कोई कमाने थोङे ही जाती है। चंदा तो तृणमूल को भी मिला है, वीआरएस को भी मिला है। सभी को मिला है। और तरीके से दिया चंदा वैध है चाहे ईडी के डर से ही क्यूं न दिया हो। फिर मुद्दे क्...

होली की शुभकामनाएं

 बसंत और ग्रीष्म ऋतु की संधि काल में आया होली का पर्व आह्लाद का, आनंद का और मस्ती का त्योहार है।  भीतर के कुत्सित विकारों को गायन, वादन और नृतन से जब हम बाहर प्रकट करते हैं तो जीवन में रंग निखर आते हैं। हमारी सनातन परंपरा में यह समरसता का त्योहार है। मनोवेग, मनोविकार और मानसी रोगों को शमन करने का यह अध्यात्मिक उपहार है। सभी ईष्ट मित्रों एवं देवतुल्य मतदाताओं को इस रंग भरे बासंती पर्व की उल्लास व आनंद भरी शुभकामनाएं, अभिनंदन एवं राम राम। त्योहार लोकतंत्र के पर्व के बीच आया है। बङी कशमकश के बाद कल रात कांग्रेस ने नागौर गठबंधन में छोङा, अभी बांसवाड़ा और होल्ड पर कर रखा है। नागौर में जाटों के बाद राजपूत, मेघवाल, माली, मुसलमान, ब्राह्मण - बणियों का लगभग बराबर धङा। परबतसर और लाडनूं में राजपूत प्रत्याशियों की हार ने राजपूतों का रुख जाट विरोधी है। हो सकता है इस चुनाव में निर्दलीय राजपूत भी मैदान में आ जाए। अशोक गहलोत की माली समाज में अब भी सुनी जाती है, कोई शक नहीं कि वे हनुमान के लिए इशारा जरुर करेंगे। गठबंधन होने के कारण हाथ को देवता मानने वाले इस बार जरूर संकट में रहेंगे। हो सकता ह...

भाजपा की पहली मीटिंग

 तो रणभेरी बज ही गई। कल राना मार्बल प्रांगण में भाजपा की बूथ स्तरीय कार्यकर्ता बैठक हुई। बैठक में जिला के प्रभारी मंत्री कन्हैयालाल चौधरी, किसान आयोग अध्यक्ष सी आर चौधरी और नागौर से भाजपा प्रत्याशी डॉ ज्योति मिर्धा ने शिरकत की। नेता आए तो कार्यकर्ताओं ने भी खूब सेल्फियां ली और फेसबुक पर शेयर की।  बैठक में भीङ खूब उमङी। किसी ने बताया कि इतनी भीड़ तो अमित शाह की मीटिंग में भी नहीं थी। सारी भीड़ ग्रामीण क्षेत्र की।  चुनाव में कार्यकर्ताओं के जोश को ऐसी बैठकें उसे चार्ज कर देती है। 02 मार्च को ज्योति मिर्धा का नाम डिक्लेयर हुआ और करीब 20 दिन बाद उन्होंने कोई बङी मीटिंग की। दरअसल मीटिंग्स से माहौल बनता है। इन बीस दिनों में कांग्रेस नाम घोषित नहीं कर पाई तो भाजपा के सामने नैरेटिव गढ़ने का अच्छा समय था। अब तक का तो माहौल यही है कि आएगा तो मोदी ही लेकिन सीटों पर कयास लगाया जा रहा है। मैं समझता हूं राजस्थान में तो लोग सत्ता के साथ चलना पसंद करेंगे। लेकिन तीन चार सीटों पर संघर्ष कांटे का होगा जिसमें नागौर भी शामिल है। आप मेरे ब्लॉग मेरे फेसबुक पेज Devesh Swami Official for Marble H...

कांग्रेस की मजबूरी

 मिशन 156 याद है आपको! 156 वाले आजकल गठबंधन कर रहे हैं। जिस सीपीएम को लोग भूल गए थे, उसे सीकर में पुनर्जीवित किया जा रहा है। जिसका न कोई एमएलए न कोई प्रधान, उस पार्टी को डोटासरा ओक्सीजन दे रहे हैं। राजेन्द्र पारीक की पावली जो खत्म करनी है।  कल देर रात कांग्रेस द्वारा घोषित तीसरी लिस्ट में पांच नाम और डिक्लेयर हुए लेकिन कसवां की तरह गुंजल घोषणा में लीड नहीं पा सके। उम्मीद थी कि जयपुर में माइनोरिटी को मौका मिल सकता है लेकिन जोखिम नहीं लिया गया और जाती के सामने जाती वाला जोधपुर फार्मूला यहां भी लागू हो गया। राजनीति में इशारे होते हैं। कसवां बागी हुए तो कांग्रेस ने टिकट दे दी, यही मापदंड गुंजल के लिए। सीकर गठबंधन में गई तो यही मापदंड नागौर और बांसवाडा के लिए।  आखिर कांग्रेस क्यूं नागौर गठबंधन में देना चाह रही है। सिर्फ गहलोत के एक गलत निर्णय के कारण। जोधपुर गहलोत का गृह क्षेत्र। सरकार होते हुए भी बेटे को नहीं जिता सके। बाद में जोधपुर को खूब सुविधाएं दी। जाट वोटों के लिए हनुमान बेनीवाल को साधा। जोधपुर में जाट, राजपूत, मियां, माली व मेघवाल लगभग बराबर स्थिति में। गहलोत की तुष्टि...

पेपर लीक प्रकरण

 पेपर लीक मामले में आरोपी कितना ही बड़ा हो, बख्शा नहीं जाएगा - राष्ट्रदूत की इस खबर से कुछ उम्मीद जगी है। तीन दिन पूर्व एसओजी टीम के साथ भजनलाल ने मीटिंग की थी। मीटिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती चाहे 21 की हो या 14 की, नकल से लगे अभ्यार्थियों को उठा लीजिए। दरअसल सप्ताह भर पूर्व मैंने लिखा था कि ये थानेदार पकङे गए हैं, गेम्बलर बच रहे हैं। और मैंने कयास लगाया था कि जैसा कि इस देश की परम्परा है, होने वाला कुछ नहीं है। किसी भी टीम के साथ मुखिया यूं मुलाकात नहीं किया करते हैं सिर्फ लीडर से ब्रीफ लिया करते हैं और टास्क के प्रति अपनी मंशा जाहिर करते हैं। लेकिन मुखिया जी ने टीम से मुलाकात कर पारदर्शिता की शुरुआत की है। इससे टीम का निश्चय ही मनोबल बढ़ेगा। लेकिन जैसा कि मैंने पूर्व में लिखा था कि एसओजी में भी इंसान ही है। किसी का बसा बसाया घर उजाङने से पूर्व अधिकारी को सो बार सोचना होगा। लेकिन मामले में पेंच डॉ किरोड़ी लाल मीणा का है। डॉ मीणा ने एसओजी से अलग से मुलाकात कर कुछ हिंट दिए हैं। तो एसओजी को अब उन हिंट पर ही काम करने की छूट मिल गई है। किसी नेता के खिलाफ पुख्ता सबूत तो मिलने से...

सस्ता हुआ पेट्रोल

 पर्ची सरकार ने आखिरकार पेट्रोल डीजल पर वैट कम कर ही दिया। फ्री रेवङियों की बरसात करने वाले गहलोत से भी बहुत मिन्नतें की थी पर उन्होंने सीधे कहा कि सरकार चलाने के लिए रेवेन्यू चाहिए। रूस से सस्ती खरीद में आ रहा क्रूड आखिर हम महंगा क्यूं खरीदें। 31 प्रतिशत वैट कम नहीं होता। फिर टोल एवं एक सेस अलग। महंगाई की आधी वजह तो यह डीजल पेट्रोल है। लेकिन रेवङियां बांटने के लिए उसी जनता का खून चूसना जरुरी हो जाता है। तो पर्ची सरकार ने विपक्ष का जवाब पोजीटिव मूड में दिया है। अब भी राजस्थान में पङौसी राज्यों से दरें ज्यादा है। मिनरल स्टेट होने के बावजूद डीजल पेट्रोल पर वैट के भरोसे रहना कहां तक उचित है। मुझे लगता है वैट में अब और कटौती 28 में ही होगी। फिर भी हिम्मत दिखाने के लिए हम भजन लाल सरकार की प्रशंसा करते हैं। आप मेरे ब्लॉग मेरे फेसबुक पेज Devesh Swami Official for Marble Handicraft and Organic Farming पर भी देख सकते हैं।

फिर हुई जननायक से गलती

 जैसा कि लग रहा था कि नागौर में कांग्रेस और बेनीवाल का गठबंधन होगा, नहीं हुआ। अब महिला के सामने महिला को उतार कर मुकाबला रोचक किया जा सकता है। पेच यह है कि हनुमान बेनीवाल का क्या होगा।  राजनीति में जिंदा रहने के लिए चुनाव में उतरना जरूरी होता है। हनुमान बेनीवाल यह बखूबी जानते हैं। तो उतरेंगे और जोधपुर में भी किसी को उतारेंगे। लेकिन हमारे जननायक चुनाव से हटकर गलती कर बैठे। जननायक जोधपुर से खङे होते तो आराम से जीतते पर अब शेखावत के चांस बन गए हैं। जननायक की यह गलती जालोर पर भी भारी पङेगी। तो सितम्बर में हुई गलती के बाद हुई इस गलती के बाद जननायक का चैप्टर लगभग खत्म ही समझिए। क्या बताएं राजनीति बङी बेदर्द होती है। आप मेरे ब्लॉग मेरे फेसबुक पेज Devesh Swami Official for Marble Handicraft and Organic Farming पर भी देख सकते हैं।

फ्री की आदत ने रूलाया

 2018 से मकराना शहर में नहरी पानी की आपूर्ति शुरू हुई। उससे पूर्व डार्क जोन में होने के कारण किल्लत बनी रहती थी। 2018 में सत्ता परिवर्तन हुआ। फ्री का चलन शुरू करने वालों ने यह आभास दिलाया कि पानी भी फ्री। तो हम फोकटखाऊवों ने कभी चिंता नहीं की और विभाग ने भी कभी हमें बिल नहीं भेजा। सत्ता फिर इधर से उधर हुई और इयर एंडिंग में जलदाय विभाग ने पुराने बकाये उगाहने हेतु नोटिस जारी कर दिए। लोग भागते हुए जलदाय विभाग के मंत्री और सचिव से मिले। समस्या वास्तव में गहरी है। प्रथम तो हम गलतफहमी में रहे कि पानी फ्री है। हमारी इस सोच को विभाग ने बिल नहीं भेज कर पुख्ता किया। फिर 2010 से 18 तक तो विभाग के पास पानी ही नहीं था तो शर्म के मारे बिल भेजते कैसे? अब गरीब कहां से लाए 10 से 50 हजार रुपए! तमाम शंकाओं - आशंकाओं को लेकर आज हमने मुलाकात की जलदाय विभाग के नव पदस्थापित एक्सईएन मनीष वैष्णव जी से। सर ने सरकार की मंशा बताई कि भाजपा में शायद ही कुछ फ्री हो। हां, एक मुश्त बकाया जमा कराने पर ब्याज और शास्ति माफ किए जाने की स्कीम हो सकती है।  सर ने बताया कि आचार संहिता लगने वाली है ऐसे में बकाया वसूली...

पेपर लीक कांड

 भर्ती परीक्षा के पेपर खरीद लेना या परीक्षा में डमी प्रत्याशी बैठा कर परीक्षा पास कर सरकारी सेवा में आने का शार्टकट पिछली कांग्रेस सरकार में खूब चला। पेपर की रेट पांच लाख तो डमी की रेट दस लाख। यदि दस डमी ही अरेंज हो गए तो एक करोड़ की पैदा। तो पेपर लीक गिरोह खूब चले। अब इनके आकाओं को राशि जाती थी या नहीं अभी तक सामने नहीं आ पाया है। धरना प्रदर्शन के मास्टर रहे किरोङी लाल मीणा ने एसओजी को कई बातें बताई है पर एसओजी में भी तो आदमी ही बैठते हैं। याद कीजिए शाहरुख खान के लल्ला को पकड़ने वाले अधिकारी को। खूब पैसे ऐंठे उसने पर अदालत से लल्ला बरी हुए।  हर अधिकारी को अपनी काबिलियत दिखाने के मौके की तलाश रहती है। जब छानबीन करते हैं तो कोई न कोई गङबङ सामने आ ही जाती है। तो एसओजी ने 2021 में हुई एसआई भर्ती में गड़बड़ी कर पास हुए व ट्रैनिंग ले रहे 15 फर्जी इंस्पेक्टर को पकङा है। पर मोटी मुर्गियां बाहर है।  हमारा अनुभव है कि कुछ नहीं होने वाला। जब कुए में भांग पङी हो तो सभी बौराएंगे ही। ऊपरी लेवल पर जब तक कार्रवाई नहीं होगी युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता रहेगा। मेहनत करने वाले गरीब...

कांग्रेस की पहली सूची

 कांग्रेस ने कल 39 नामों की सूची जारी की जिसमें ज्यादातर दक्षिण भारत के नाम है पर साथ में छत्तीसगढ़ भी है। हाल ही में चार राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव में राजस्थान, एमपी के साथ छत्तीसगढ़ भी था। तो विधानसभा चुनाव की तैयारी छत्तीसगढ़ में काम आ गई, लगता है अजीत जोगी यहां कमजोर पड़ गए हैं। लेकिन आते हैं राजस्थान पर। कांग्रेस ने यहां विधानसभा चुनाव में 70 सीटें जीती है वहीं लगातार दो चुनाव से भाजपा यहां सभी 25 जीत रही है। भाजपा द्वारा घोषित 15 में चुरू ने तहलका मचा दिया है। कहते हैं इस मुश्किल घड़ी में वसुंधरा को आगे किया गया है। डेमेज कंट्रोल के लिए राहुल कसवां की पत्नी को झुंझुनूं से टिकट दिया जा सकता है। महिला शक्ति विधेयक के बाद भाजपा पर महिला प्रत्याशियों को उतारने का दवाब बना हुआ है। राहुल कसवां उपराष्ट्रपति जगदीप धनकङ के दामाद हैं। तो कसवां को कांग्रेस में जाने से रोकने का एक बड़ा नाम भाजपा के पास है। भाजपा कसवां को मैनेज कर लेती है तो भाला टारगेट साध सकता है। जोधपुर में बाबूसिंह राठौड़ ने गजेन्द्र सिंह शेखावत की हालत खराब कर रखी है। ऐसे में जालोर जाते वैभव गहलोत फिर जोधपुर की ...