फिर हुई जननायक से गलती
जैसा कि लग रहा था कि नागौर में कांग्रेस और बेनीवाल का गठबंधन होगा, नहीं हुआ। अब महिला के सामने महिला को उतार कर मुकाबला रोचक किया जा सकता है। पेच यह है कि हनुमान बेनीवाल का क्या होगा।
राजनीति में जिंदा रहने के लिए चुनाव में उतरना जरूरी होता है। हनुमान बेनीवाल यह बखूबी जानते हैं। तो उतरेंगे और जोधपुर में भी किसी को उतारेंगे। लेकिन हमारे जननायक चुनाव से हटकर गलती कर बैठे। जननायक जोधपुर से खङे होते तो आराम से जीतते पर अब शेखावत के चांस बन गए हैं। जननायक की यह गलती जालोर पर भी भारी पङेगी। तो सितम्बर में हुई गलती के बाद हुई इस गलती के बाद जननायक का चैप्टर लगभग खत्म ही समझिए। क्या बताएं राजनीति बङी बेदर्द होती है।
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