पेपर लीक प्रकरण

 पेपर लीक मामले में आरोपी कितना ही बड़ा हो, बख्शा नहीं जाएगा - राष्ट्रदूत की इस खबर से कुछ उम्मीद जगी है। तीन दिन पूर्व एसओजी टीम के साथ भजनलाल ने मीटिंग की थी। मीटिंग में मुख्यमंत्री ने कहा कि भर्ती चाहे 21 की हो या 14 की, नकल से लगे अभ्यार्थियों को उठा लीजिए। दरअसल सप्ताह भर पूर्व मैंने लिखा था कि ये थानेदार पकङे गए हैं, गेम्बलर बच रहे हैं। और मैंने कयास लगाया था कि जैसा कि इस देश की परम्परा है, होने वाला कुछ नहीं है।


किसी भी टीम के साथ मुखिया यूं मुलाकात नहीं किया करते हैं सिर्फ लीडर से ब्रीफ लिया करते हैं और टास्क के प्रति अपनी मंशा जाहिर करते हैं। लेकिन मुखिया जी ने टीम से मुलाकात कर पारदर्शिता की शुरुआत की है। इससे टीम का निश्चय ही मनोबल बढ़ेगा।


लेकिन जैसा कि मैंने पूर्व में लिखा था कि एसओजी में भी इंसान ही है। किसी का बसा बसाया घर उजाङने से पूर्व अधिकारी को सो बार सोचना होगा। लेकिन मामले में पेंच डॉ किरोड़ी लाल मीणा का है। डॉ मीणा ने एसओजी से अलग से मुलाकात कर कुछ हिंट दिए हैं। तो एसओजी को अब उन हिंट पर ही काम करने की छूट मिल गई है। किसी नेता के खिलाफ पुख्ता सबूत तो मिलने से रहे। तो ले देकर एसओजी को मामले को लोकसभा चुनाव तक खींचना है। देखने वाली बात होगी कि एसओजी का अब अगला कदम क्या होगा!


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