कांग्रेस की मजबूरी

 मिशन 156 याद है आपको! 156 वाले आजकल गठबंधन कर रहे हैं। जिस सीपीएम को लोग भूल गए थे, उसे सीकर में पुनर्जीवित किया जा रहा है। जिसका न कोई एमएलए न कोई प्रधान, उस पार्टी को डोटासरा ओक्सीजन दे रहे हैं। राजेन्द्र पारीक की पावली जो खत्म करनी है। 


कल देर रात कांग्रेस द्वारा घोषित तीसरी लिस्ट में पांच नाम और डिक्लेयर हुए लेकिन कसवां की तरह गुंजल घोषणा में लीड नहीं पा सके। उम्मीद थी कि जयपुर में माइनोरिटी को मौका मिल सकता है लेकिन जोखिम नहीं लिया गया और जाती के सामने जाती वाला जोधपुर फार्मूला यहां भी लागू हो गया।


राजनीति में इशारे होते हैं। कसवां बागी हुए तो कांग्रेस ने टिकट दे दी, यही मापदंड गुंजल के लिए। सीकर गठबंधन में गई तो यही मापदंड नागौर और बांसवाडा के लिए। 


आखिर कांग्रेस क्यूं नागौर गठबंधन में देना चाह रही है। सिर्फ गहलोत के एक गलत निर्णय के कारण। जोधपुर गहलोत का गृह क्षेत्र। सरकार होते हुए भी बेटे को नहीं जिता सके। बाद में जोधपुर को खूब सुविधाएं दी। जाट वोटों के लिए हनुमान बेनीवाल को साधा। जोधपुर में जाट, राजपूत, मियां, माली व मेघवाल लगभग बराबर स्थिति में। गहलोत की तुष्टिकरण की नीति के चलते पिछले चुनाव में हिंदू लामबंद हो गए। तो गहलोत चाह रहे थे कि हनुमान से गठबंधन हो जाए और जोधपुर में हनुमान की मदद मिल जाए। लेकिन हनुमान विरोधी जाट नेताओं ने हनुमान के दूसरे दावेदार उम्मेदाराम को तोङ कर गहलोत की सारी रणनीति फैल कर दी। गहलोत के खासमखास संयम लोढ़ा की सलाह पर वैभव को जालोर सिरोही से उतारने की रणनीति बनी। यहां आदिवासी व एससी एसटी ज्यादा, तो जालोर ठीक बैठ गया। लेकिन गहलोत ने जिद नहीं छोड़ी और इस जिद के चलते सीईसी में भी नहीं गए। अशोक गहलोत की अनुपस्थिति में सीईसी दूसरे दिन फिर बैठी। तय हुआ कि गठबंधन का फैसला राहुल गांधी पर छोड़ दिया जाए। कल हुई घोषणा में सीकर राहुल के फैसले से ही छूटी है। नागौर भी छूटने के आसार हैं। हालांकि जाट लोबी पूरा विरोध कर रही है पर इनके पास दमदार कैंडिडेट नहीं तो हनुमान के चांस बन रहे हैं। वहीं गहलोत को अब हनुमान से कोई फायदा भी नहीं मिल रहा है और न ही नागौर में कोई जाट चुनौती बना हुआ है ऐसे में लगता है अब गहलोत गठबंधन के लिए ज्यादा दवाब नहीं बनाएंगे, वैसे भी कांग्रेस के पास कोई दमदार चेहरा नहीं। ले देकर एक चेहरा जाकिर हुसैन का है तो गहलोत विरोधी जाकिर की सिफारिश कर एक सीट पर माइनोरिटी को आगे कर सकते हैं। होली की पूर्व संध्या पर सारी पिक्चर क्लियर होने की उम्मीद है।


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