पेपर लीक कांड

 भर्ती परीक्षा के पेपर खरीद लेना या परीक्षा में डमी प्रत्याशी बैठा कर परीक्षा पास कर सरकारी सेवा में आने का शार्टकट पिछली कांग्रेस सरकार में खूब चला। पेपर की रेट पांच लाख तो डमी की रेट दस लाख। यदि दस डमी ही अरेंज हो गए तो एक करोड़ की पैदा। तो पेपर लीक गिरोह खूब चले। अब इनके आकाओं को राशि जाती थी या नहीं अभी तक सामने नहीं आ पाया है। धरना प्रदर्शन के मास्टर रहे किरोङी लाल मीणा ने एसओजी को कई बातें बताई है पर एसओजी में भी तो आदमी ही बैठते हैं। याद कीजिए शाहरुख खान के लल्ला को पकड़ने वाले अधिकारी को। खूब पैसे ऐंठे उसने पर अदालत से लल्ला बरी हुए। 


हर अधिकारी को अपनी काबिलियत दिखाने के मौके की तलाश रहती है। जब छानबीन करते हैं तो कोई न कोई गङबङ सामने आ ही जाती है। तो एसओजी ने 2021 में हुई एसआई भर्ती में गड़बड़ी कर पास हुए व ट्रैनिंग ले रहे 15 फर्जी इंस्पेक्टर को पकङा है। पर मोटी मुर्गियां बाहर है। 


हमारा अनुभव है कि कुछ नहीं होने वाला। जब कुए में भांग पङी हो तो सभी बौराएंगे ही। ऊपरी लेवल पर जब तक कार्रवाई नहीं होगी युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ होता रहेगा। मेहनत करने वाले गरीब बच्चे पिछङते रहेंगे वहीं पैसे और रसूखदार गुलछर्रे उङाते रहेंगे। लोकतंत्र का गजब फायदा उठाया है भ्रष्टों ने।


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