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Showing posts from January, 2024

हेमंत सोरेन जी की गिरफ्तारी

आखिर हेमंत सोरेन जी को गिरफ्तार होना ही पङा। जमीन घोटाले में वो बुरी तरह घिरे हुए थे और ईडी के बार बार बुलाने के बावजूद वो हाजिर नहीं हो रहे थे। 25 जनवरी को ईडी ने उनसे पूछताछ की थी और तब भी गिरफ्तारी की आशंका थी। बाद में ईडी ने उनके दिल्ली आवास पर रेड की जहां वे नहीं मिले और 48 घंटे बाद दूसरी गाड़ी से रांची पहुंचे। उन पर खनन लीज घोटाला का केस भी है। चुनाव आयोग में अलग से एक मामला दर्ज है। हेमंत सोरेन शिबू सोरेन जी के पुत्र हैं। शिबू सोरेन भी झारखंड के मुख्यमंत्री रहे हैं और यूपीए सरकार में कोयला मंत्री रहे हैं। उनके कोयला मंत्री रहते हुए बहु चर्चित कोयला घोटाला हुआ था। दक्षिणी बिहार के 10-12 जिला लेकर 2000 में झारखंड राज्य बनाया गया था। संपूर्ण झारखंड छोटा नागपुर पठार पर स्थित है। खनन और वन सम्पदा इसके मुख्य स्रोत है। स्टील और कोयला को लेकर प्रसिद्ध शहर जमशेदपुर झारखंड में ही है। रांची, बोकारो और हजारीबाग अन्य शहर है। मुंडा और भुमिज यहां दो जन जातियां है। पूरा झारखंड आदिवासी बहुल राज्य है। चर्चा यह चल रही थी कि वे शायद अपनी इंजिनियर पत्नी को मुख्यमंत्री बना कर परिवार वाद की श्रंखला को...

नीतीश जी का आना

 शुरुआत मिलिंद देवड़ा ने की। फिर नितीश जी पुनः एनडीए में आए और अब अठावले जी का बहन मायावती जी को आमंत्रण!! क्या सोचा कभी आपने कि इस भक्तिमय माहौल के बावजूद भी भाजपा हिंदी बेल्ट में इतनी सीरीयस क्यों है?  दो बातें है। पहली, राम मन्दिर उद्घाटन ने कइयों की नींद उङा दी है। जिस तरह आम जनता ने इस दिन अपना इन्वोलवेशन किया वह सोचने पर मजबूर कर रहा है। ऐसे में मुरली देवड़ा जी के कट्टर कांग्रेसी घर में जन्मे मिलिंद को लगा कि उनका दल जन भावनाओं के साथ नहीं चल रहा है। आचार्य प्रमोद कृष्णन जी भी इस मुद्दे को बार-बार उठाते रहते हैं। आज कांग्रेस का मतलब भाजपा और मोदी विरोध रह गया है। एक दल का मतलब मात्र अंध विरोध ही तो नहीं! दूसरा, भाजपा कोई कसर छोङना नहीं चाहती। इसमें कोई शक नहीं कि नीतीश और मायावती का अपने समर्थकों में बहुत सम्मान है। अति पिछड़े और महा दलित वोट की गरज भाजपा को भी है तो येन केन प्रकारेण भाजपा अपनी चौसर बिछाने में लगी है।  तो इस बार भाजपा की रणनीति है: उसके मेंबर जहां जीत सके, खङे किए जाएं, जहां कमजोरी है वहां उसके समर्थक जीते और विरोधी भी वो जीते जो उसका सम्मान करते है...

रालोपा का अगला कदम क्या होगा?

 भाजपा तो हर समय चुनावी मोड में रहती ही है, अब कांग्रेस भी राजस्थान में सत्ता गंवाने के बाद लोकसभा चुनाव को लेकर गंभीर हो गई है। बताया जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस ने प्रारंभिक तैयारियां शुरू कर दी है। इन सबके बीच हालिया विधानसभा चुनाव में थर्ड फ्रंट की कवायद में लगी रालोपा पर आज नजर डालते हैं। किसान कौम को संगठित कर दलित व अल्पसंख्यक का सहारा लेकर राजस्थान में सत्ता हासिल करना किसान कौम का सपना रहा है। मारवाड़ के जोधपुर, बीकानेर, जैसलमेर, बाङमेर, पाली, नागौर और शेखावाटी अंचल के चुरू, सीकर व झुंझुनूं लोकसभा क्षेत्र किसान कौम के गढ रहे हैं। रालोपा का फोकस इसी क्षेत्र पर रहता है। 2018 में पार्टी की स्थापना से पूर्व हनुमान बेनीवाल ने नागौर, बाङमेर, बीकानेर, सीकर और जयपुर में पांच किसान हुंकार रैलियां कर तबके भाजपा असंतुष्ट किरोङी लाल मीणा व घनश्याम तिवाड़ी के साथ रालोपा की स्थापना की थी। हनुमान बेनीवाल खुद 2008 में खींवसर से भाजपा से विधायक थे बाद में वसुंधरा राजे से अनबन के कारण स्तीफा दे दिया।  2009 का लोकसभा चुनाव भी हनुमान बेनीवाल ने लङा तब कांग्रेस की ज्योति मिर्धा जीती। 201...

टीटी की हार के मायने: देवेश स्वामी

  मकराना, अमूमन जनता सत्ता के पीछे चलती है लेकिन करणपुर की जनता ने इस मिथक को तोङ दिया। बिना चुनाव जीते ही मंत्री बने टीटी को हरा दिया। डोटासरा ने कमेंट किया कि आप मंत्री तो बना सकते हो लेकिन विधायक नहीं। और जनता ने टीटी को नकार दिया। मंत्री बनाने पर हमलावर हुई कांग्रेस कह रही है कि जनता ने भाजपा के अहंकार को ठिकाने लगाया है। ऐसा भी नहीं है कि करणपुर कोई कांग्रेस का गढ़ रहा है। 1957 से अब तक 15 बार हुए चुनाव में कांग्रेस 8 बार, भाजपा तीन बार, स्वतंत्र उम्मीदवार तीन बार और एक बार सोशलिस्ट पार्टी जीती है। गत पांच चुनाव में एक बार कांग्रेस तो दूसरी बार भाजपा जीत रही थी। गुरमीत सिंह कुन्नर 1998 में 2008 में (स्वतंत्र) और 2018 में जीते बीच में 2003 व 2013 में सुरेन्द्र पाल टीटी जीते। इस बार बीमार कुन्नर ने अपने बेटे के लिए टिकट मांगा था लेकिन दिपेंद्र सिंह की तरह उन्हें ही रीपीट किया गया। चुनाव पूर्व कुन्नर शांत हो गए तो चुनाव 199 सीट पर ही 25 नवंबर को हुए। 03 दिसंबर को आए रिज्लट में भाजपा ने 115 पर जीत दर्ज की और 15 दिसंबर को भजन लाल मुख्यमंत्री बने। 30 दिसंबर को मंत्री मंडल विस्तार मे...

मिशन 2028, पूर्ण शुचिता: देवेश स्वामी

 राजनीति में घटती शुचिता एवं बढ़ती अश्लीलता चिंताजनक है। पहले भंवरी सीडी कांड हुआ तो अब मेवाराम जैन के दो अश्लील वीडियो चर्चा में है। 70 वर्ष के जैन 2008 से 23 तक लगातार तीन बार एमएलए रहे। इस बार भारी विरोध के बावजूद कांग्रेस ने उन्हें रीपीट किया। कहते हैं तब उनके विरोधियों ने आलाकमान तक उनके कारनामे पहुंचाए मगर उनके तरफदारों ने इसे झूठ बतला कर ब्लैकमेल करने की साझीस बताया। जैन गहलोत और प्रियंका के नजदीकी थे। टिकट मिल गया तो विरोधियों ने मसाला सोशल मीडिया पर डाल दिया तब जैन ने छवि खराब करने व ब्लैकमेल करने का मामला दर्ज कराया। सरकार बदलने के बाद एक पीङिता ने जैन सहित नौ जनों पर स्वयं, अपनी सहेली और नाबालिग बेटी से रेप का मामला दर्ज कराया। आरोपितों में दो राजनेता और कई पुलिस कार्मिक है। बताया जा रहा है कि जब जैन पावर में थे तो पुलिस ने उनकी पूरी मदद की।  सत्ता व कीर्ति बेशुमार दौलत और हवश लाती है। हमारे कई राजनेताओं की बेनामी दौलत होटलों, शराब की दुकानों आदि में लगा हुआ है। एक नेता से मिलने जरुरतमंद, स्वार्थी व व्यवसायी आते रहते हैं। नेता इन सबसे अंतरंग हो जाता है और उनके साथ स...

नव कैलेण्डर वर्ष की शुभकामनाएं

 नव कैलेण्डर वर्ष की सभी को शुभकामनाएं। आज फिर कुछ राजनैतिक कयास लगाने की इच्छा हो रही है तो लीजिए:   भजन लाल सरकार सालों से चली आ रही परिपाटी को तोङेगी, न सिर्फ रीपीट होगी अपितु तीन टर्म पूरे करेगी। पहला टर्म चालू है, दूसरे टर्म में आप और मैं भी रहेंगे और तीसरे टर्म में मेरे द्वारा नामित कोई युवा होगा। मेरे साथ जो पांच साल सक्रियता दिखाएगा, जो मेरा विजन समझ जाएगा वह मेरे बाद क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करेगा। पार्टियों को घरानों में बदलने की परंपरा खत्म होनी चाहिए।  हर गांव में मेरा प्रतिनिधि होगा। मैं प्रत्येक माह हर गांव में पहुंचने का प्रयास करुंगा। अब नेताओं के घर पर मतदाताओं की भीड़ लगनी बंद होनी चाहिए। नेता मतदाताओं के घर जाएगा। 🙏🌹🙏