चुनाव बाद के आकलन और एक्जिट पोल के मुताबिक ही हुआ लेकिन यह मकराना के हित में नहीं हुआ। हालांकि पिछली बार भी विधायक सरकार के विरोधी था पर साहब ने मकराना का विशेष ख्याल रखा।
हालांकि पार्टियों के होमवर्क में कहीं कमी नहीं रखी। पिछली बार जीत के अंतर, प्रफोर्मेंस और बढ़ती उम्र को देखते हुए रुपाराम को नहीं दोहराया जाना था, ऐसे में प्रकाश व भींचर में से भींचर को इस लिए चुना गया कि यह एससी के वोट लाएगा लेकिन भींचर अपने रूठे साथियों को मना नहीं सके। इसके उलट जाकिर हुसैन ने हाथ पोला रखा और अल्पसंख्यक में भारी विरोध के बावजूद जीत हासिल की।
अब एक बात तय है कि जाटों में दो फाङ स्थाई हो गई है। वहीं जाकिर हुसैन ने भी जीत की स्थिति के बावजूद निलंबन की कार्रवाई कर 4 परिवारों को स्थाई रूप से नाराज़ कर लिया है।
सरकार की कङी से कङी नहीं मिलने से शहर की सेहत पर प्रभाव पङेगा। ऐसे में हम सामाजिक कार्यकर्ताओं का दायित्व बढ़ेगा। चिंता नहीं करें, जैसे हैं हाजिर रहेंगे। पूरी पारदर्शिता व शिद्दता से काम करेंगे। आपके बीच रहने का भी प्रयास करेंगे।
उम्मीद करते हैं इस चुनाव ने आपको बहुत सिखाया होगा। आप भूलें नहीं, इस लिए यह ब्लॉग शुरू किया गया है। हर बात स्थाई रूप से सेव रहेगी।
मैं तुम को आवाज दूं, तुम मुझको आवाज दो....
मकराना नगर परिषद का हुआ सीमा विस्तार
शहर जब बढता है तब पहले उसका खुदका रकबा आबादी में तब्दील होता है फिर सङकों के किनारे किनारे आस पास के गांवों की जमीन पर पसरता है। बात करें अपने शहर मकराना की तो डायमंड से चिराई शुरू होने के बाद बोरावड़ रोङ और बाईपास रोड से लगी जमीने वाणिज्यिक प्रयोजनार्थ बदली और शहर के पश्चिम में बालाजी कालोनी व झंवर कालोनी डवलप हुई। दक्षिण में बाईपास से सटकर भाटीपुरा तो गांगवा रोङ के आजू-बाजू लोहारपुरा, गायत्री नगर और ओम कालोनी डवलप हुई। मंगलाना रोङ पर सुभाष नगर, देशवाली ढाणी, आनंद नगर, गायत्री नगर और वसुंधरा नगर बसे। उपखंड कार्यालय बाहर आने के बाद गुर्जर कालोनी और तहसील कालोनी बसी। पलाङा रोङ पर बङी कालोनी बसी तो जूसरी रोङ पर मालियों की ढाणी। शहर के उत्तर में भाखरों की ढाणी, हनुमान जी की ढाणी और मींडकिया रोङ पर न्यू गुर्जर कालोनी तो पूरी माताभर रोङ कालोनियों में बदल गई। इस क्षेत्र में जबसे कालवा बाईपास निकली है सङक और शहर के बीच बसने की होङ मची हुई है। सबसे पहले बसे भाटीपुरा, लोहारपुरा, आनंद नगर और वसुंधरा नगर वाले मकराना से जुड़े होने के बावजूद प्रशासनिक इकाई के तौर पर जूसरी और दिलढाणी ग्राम पंचा...
Comments
Post a Comment