चुनाव बाद के आकलन और एक्जिट पोल के मुताबिक ही हुआ लेकिन यह मकराना के हित में नहीं हुआ। हालांकि पिछली बार भी विधायक सरकार के विरोधी था पर साहब ने मकराना का विशेष ख्याल रखा।
हालांकि पार्टियों के होमवर्क में कहीं कमी नहीं रखी। पिछली बार जीत के अंतर, प्रफोर्मेंस और बढ़ती उम्र को देखते हुए रुपाराम को नहीं दोहराया जाना था, ऐसे में प्रकाश व भींचर में से भींचर को इस लिए चुना गया कि यह एससी के वोट लाएगा लेकिन भींचर अपने रूठे साथियों को मना नहीं सके। इसके उलट जाकिर हुसैन ने हाथ पोला रखा और अल्पसंख्यक में भारी विरोध के बावजूद जीत हासिल की।
अब एक बात तय है कि जाटों में दो फाङ स्थाई हो गई है। वहीं जाकिर हुसैन ने भी जीत की स्थिति के बावजूद निलंबन की कार्रवाई कर 4 परिवारों को स्थाई रूप से नाराज़ कर लिया है।
सरकार की कङी से कङी नहीं मिलने से शहर की सेहत पर प्रभाव पङेगा। ऐसे में हम सामाजिक कार्यकर्ताओं का दायित्व बढ़ेगा। चिंता नहीं करें, जैसे हैं हाजिर रहेंगे। पूरी पारदर्शिता व शिद्दता से काम करेंगे। आपके बीच रहने का भी प्रयास करेंगे।
उम्मीद करते हैं इस चुनाव ने आपको बहुत सिखाया होगा। आप भूलें नहीं, इस लिए यह ब्लॉग शुरू किया गया है। हर बात स्थाई रूप से सेव रहेगी।
मैं तुम को आवाज दूं, तुम मुझको आवाज दो....
उप चुनाव परिणाम
मैंने अपने एक नवंबर के ब्लॉग में झुंझुनूं से कांग्रेस, खींवसर से आरएलपी व चौरासी से बाप व शेष चार सीटें भाजपा को दी थी। मेरे विश्लेषण में खींवसर, झुंझुनूं व दौसा में उलटफेर हुआ और भाजपा की एक सीट बढी। मैंने अपने ब्लॉग में नतीजों के असर पर भी कयासबाजी की थी। निस्संदेह इन चुनावों में भाजपा के लिए पाने के ही अवसर थे क्योंकि प्रदेश में उपचुनाव में सत्ताधारी दल के साथ कनेक्ट रहने का ट्रेंड रहा है। जिन दो सीटों पर हारी है उनमें दौसा ने चौंकाया है। बैरवा कोई हाई प्रोफाइल नेता नहीं है, मात्र प्रधान रहे हैं वहीं भाजपा से किरोड़ी लाल मीणा ही उम्मीदवार थे। बाबा कांग्रेस सरकार में लङाकू रहे तो अपने आप को सीएम ही मान रहे थे। पिछले काफी दिनों से इस्तीफा दिए घूम रहे थे। विपक्ष के पास यह बङा मुद्दा था। इन चुनावों में भाजपा ने बाबा का जाप्ता कर ही दिया। बाबा अब भी चूं चपड़ करते हैं तो अगले चुनाव में इनका भी डोरा तै। अब सवाल उठता है कि बाबा की हार में फेक्टर क्या रहा? क्या गुर्जर मतदाताओं ने पायलट का साथ दिया? क्या सामान्य वर्ग के मतदाता सामान्य सीट होने के बावजूद एसटी वर्ग को टिकट दिए जाने से नारा...
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