लोकसभा चुनाव परिणाम 2024

 “सदा न संग सहेलियाँ, सदा न राजा देश।

 सदा न जुग में जीवणा, सदा न काला केश।

सदा न फूलै केतकी, सदा न सावन होय।

सदा न विपदा रह सके, सदा न सुख भी होय।

सदा न मौज बसन्त री, सदा न ग्रीष्म भाण।

सदा न जोवन थिर रहे, सदा न संपत माण।

सदा न काहू की रही, गल प्रीतम की बांह।

ढ़लते ढ़लते ढ़ल गई, तरवर की सी छाँह।“


लेकिन राजनीति में हमेशा स्थायित्व की उम्मीद की जाती है। दस सालों में बेदाग छवि, 370 निरस्तिकरण, कोरोना वेक्सीनेसन, मन्दिर प्राण-प्रतिष्ठा, बढती रेल सुविधाएं, बढता आयुद्ध निर्यात, सेना को बढ़ते हथियार, बढी हुई जीडीपी, ऊंचाइयों पर शेयर मार्केट और ब्रांड मोदी ऐसे फेक्टर थे जो फिर से मोदी सरकार की उम्मीद की जा रही थी। 


लेकिन भाजपा का रथ 240 पर अटक गया। अब 33 की जरूरत। हालांकि एनडीए 292 पर, पर अब फ्री हैंड कहां? अब गठबंधन सरकार होगी और उसका दवाब होगा। हो सकता है वन नेशन वन इलेक्शन, यूसीसी सहित कई कोर मुद्दों को स्थगित करना पङे। 


जीत के कम अंतर को भाजपा बङी बारिकी से विश्लेषण करेगी। नजर 29 पर रखेगी। हो सकता है भाजपा यूपी, महाराष्ट्र, राजस्थान और हरियाणा पर खास फोकस करेगी।


इसलिए राजस्थान में भाजपा कार्यकर्ताओं पर विशेष ध्यान रखा जाएगा। इसलिए राजस्थान को निराश होने की जरूरत नहीं है। भाजपा को हमेशा चुनावी मोड में रहने की आदत है।


आइए, मिशन 28 में जुटते हैं। कोई प्याऊ लगाए, कोई गोशाला संभाले, कोई संगठन में लगे; सेवा कार्य अनवरत चलते रहेंगे।


अब एक नजर कम मार्जिन के कारणों पर: महंगाई, बेरोजगारी, आरक्षण पर बयानबाजी। एक कार्यकर्ता को फिल्ड में जाने पर महंगाई और रोजगार पर जवाब देने में केंद्र व राज्य सरकार कितना सहयोग करती है, देखने लायक होगा।


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