मकराना नगर परिषद का हुआ सीमा विस्तार

 शहर जब बढता है तब पहले उसका खुदका रकबा आबादी में तब्दील होता है फिर सङकों के किनारे किनारे आस पास के गांवों की जमीन पर पसरता है।


बात करें अपने शहर मकराना की तो डायमंड से चिराई शुरू होने के बाद बोरावड़ रोङ और बाईपास रोड से लगी जमीने वाणिज्यिक प्रयोजनार्थ बदली और शहर के पश्चिम में बालाजी कालोनी व झंवर कालोनी डवलप हुई। दक्षिण में बाईपास से सटकर भाटीपुरा तो गांगवा रोङ के आजू-बाजू लोहारपुरा, गायत्री नगर और ओम कालोनी डवलप हुई। मंगलाना रोङ पर सुभाष नगर, देशवाली ढाणी, आनंद नगर, गायत्री नगर और वसुंधरा नगर बसे। उपखंड कार्यालय बाहर आने के बाद गुर्जर कालोनी और तहसील कालोनी बसी। पलाङा रोङ पर बङी कालोनी बसी तो जूसरी रोङ पर मालियों की ढाणी। शहर के उत्तर में भाखरों की ढाणी, हनुमान जी की ढाणी और मींडकिया रोङ पर न्यू गुर्जर कालोनी तो पूरी माताभर रोङ कालोनियों में बदल गई। इस क्षेत्र में जबसे कालवा बाईपास निकली है सङक और शहर के बीच बसने की होङ मची हुई है।


सबसे पहले बसे भाटीपुरा, लोहारपुरा, आनंद नगर और वसुंधरा नगर वाले मकराना से जुड़े होने के बावजूद प्रशासनिक इकाई के तौर पर जूसरी और दिलढाणी ग्राम पंचायत से जुड़े थे। मौटे तौर पर यहां साफ सफाई की समस्या थी क्योंकि ग्राम पंचायतों के पास इतना पैसा नहीं होता। इन कालोनियों वालों ने 18 के चुनाव पूर्व हाईकोर्ट की शरण भी ली थी लेकिन सीमा विस्तार नहीं हुआ।


अब जाकर सीमा विस्तार हुआ है तो इसमें गुणावती की ढाणियां भी शामिल की गई है। यानी अब गुणावती की सम्पूर्ण भूमि आबादी क्षेत्र में शामिल हो गई है। अब भू रुपांतरण के लिए आवेदन नगर परिषद के द्वारा जाएगा जिससे नई बसावट नियमानुसार हो सकेगी। लगभग 26 हजार की आबादी बढ़ेगी और 10-12 हजार वोट। अब वार्डों का पुनर्सिमांकन होगा और लगभग 10-12 वार्ड भी बढ सकते हैं। साथ ही वार्डों का आरक्षण नए सिरे से भी होगा। तो सारी कवायद में 2026 आ सकता है। 2026 एक टर्निंग प्वाइंट है। इसमें विधानसभा क्षेत्रों का भी पुनर्सिमांकन संभव है। करीब 40 विधानसभा क्षेत्र नए जुङ सकते हैं। हो सकता है इस बार गच्छीपुरा, खाटू व कुचामन अलग विधानसभा क्षेत्र बन जाए। फिर विधानसभा में भी रिजर्वेशन नए सिरे से होगा। इस बार महिला आरक्षण भी होगा। जब महिला आरक्षण होगा तो नेताओं को शांत करने के लिए विधान परिषद की बात भी चल सकती है।


यह नई भाजपा है और बहुत कुछ होने की गुंजाइश है। खास कर राजनीति से जुड़े लोगों को हर अपडेट के लिए तैयार रहना चाहिए। जल्दबाजी नहीं करनी चाहिए। मेरे क्षेत्र में कई नए नए चेहरे सोशल मीडिया पर एक्टिव हो चले थे। शहरी क्षेत्र में भी और ग्रामीण क्षेत्र में भी। रोज नई नई टीम के बैनर लगे गाङियां सज रही थी। और तो और विधानसभा के लिए भी कइयों ने घोषणा कर रखी है।


ग्लोबलाइजेशन, प्राइवेटाइजेशन और लिबरेलाइजेसन की हवा के झरोखे खोलने वाले हमारे पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह जी को श्रद्धा सुमन। डॉ साहब राजस्थान से भी राज्य सभा सांसद रहे और उनके कोटे से जूसरी ग्राम पंचायत में भी विकास कार्य हुए। 


सुबह की शुरुआत आज मावठ से हुई। खुशनुमा ठंडी सुबह की सभी को शुभकामनाएं।

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