सलाम- नमस्ते, मैं हूं 2028 का विधानसभा स्वतंत्र प्रत्याशी देवेश स्वामी फ्रोम गुणावती।
दो दिन पहले मैंने जब यह घोषणा की तो कइयों के मिर्ची लगी। कल तो एक ने मुझे रिप्लाई किया कि यह मूंह और मसूर की दाल। बंदा 2008 से 23 तक टिकटों की लाइन में लगा हुआ। बर्दाश्त नहीं हुआ। राजनीति में बर्दाश्ती एक बङा गुण। जैसे जाकिर ने अबकी आपा नहीं खोया।
मुझे राह हिम्मत सिंह जी ने दिखाई। 2.70 में 1.50 का कोई धणी धोरी ही नहीं। और यह 1.50 बहुत होता है मैदान मारने के लिए। तो भैय्या यह हमारी मसूर की दाल है। रही बात पैसे की तो लोग थैलियां उङेलने के लिए तैयार हैं। कोई दमदार और काम का आदमी आगे तो आए!
खैर, यह अभियान तो अब पांच साल चलेगा। आप बताइए खुमारी उतरी की नहीं। नहीं उतरी तो उतार दीजिए, आप के साथ ठगाई हो चुकी है। राज और नीति क्या होती है, हम बताएंगे आपको 28 में।
चलिए आप को आज होमवर्क देते हैं। पता कीजिए कुल कितने वोट थे, किस बूथ पर कितने पङे। और इनका रूझान किधर था। आराम से कीजिए, तीन तारीख में अभी पूरा एक सप्ताह बाकी है।
आज जीतने वाले के लिए भी ज्ञान है। पता लगाइए कि किस बूथ पर कम मतदान हुआ, हुआ तो क्यों हुआ और किस पर ज्यादा हुआ और वह किसके दम पर हुआ।
बाकी समाचार पत्रों की दुनिया तो निराली है। साहब को घर भेज रहे हैं। यानी लोकसभा में फिर मोदी।
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मकराना नगर परिषद का हुआ सीमा विस्तार
शहर जब बढता है तब पहले उसका खुदका रकबा आबादी में तब्दील होता है फिर सङकों के किनारे किनारे आस पास के गांवों की जमीन पर पसरता है। बात करें अपने शहर मकराना की तो डायमंड से चिराई शुरू होने के बाद बोरावड़ रोङ और बाईपास रोड से लगी जमीने वाणिज्यिक प्रयोजनार्थ बदली और शहर के पश्चिम में बालाजी कालोनी व झंवर कालोनी डवलप हुई। दक्षिण में बाईपास से सटकर भाटीपुरा तो गांगवा रोङ के आजू-बाजू लोहारपुरा, गायत्री नगर और ओम कालोनी डवलप हुई। मंगलाना रोङ पर सुभाष नगर, देशवाली ढाणी, आनंद नगर, गायत्री नगर और वसुंधरा नगर बसे। उपखंड कार्यालय बाहर आने के बाद गुर्जर कालोनी और तहसील कालोनी बसी। पलाङा रोङ पर बङी कालोनी बसी तो जूसरी रोङ पर मालियों की ढाणी। शहर के उत्तर में भाखरों की ढाणी, हनुमान जी की ढाणी और मींडकिया रोङ पर न्यू गुर्जर कालोनी तो पूरी माताभर रोङ कालोनियों में बदल गई। इस क्षेत्र में जबसे कालवा बाईपास निकली है सङक और शहर के बीच बसने की होङ मची हुई है। सबसे पहले बसे भाटीपुरा, लोहारपुरा, आनंद नगर और वसुंधरा नगर वाले मकराना से जुड़े होने के बावजूद प्रशासनिक इकाई के तौर पर जूसरी और दिलढाणी ग्राम पंचा...
बहुत ही अच्छा विचार है , जनता के टिकेट की तेयारी से मैदान फ़तेह करे I अनंत शुभकामनाएं
ReplyDeleteविजय संकल्प को आशीर्वाद एवं सम्बल प्रदान करने के लिए आपका बहुत बहुत आभार। उम्मीद है मार्गदर्शन बनाए रखेंगे ।
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